आप लोगो ने वकीलों को तो देखा ही होगा, वकील एक बहुत बड़ा सम्माननीय पद होता है, वही वकीलों का काम होता है सभी को समान न्याय दिलाना,और समान कानून की व्यवस्था करना और अपराधी को दंड दिलाना।
वही आपने वकीलों को देखा होगा सभी हमेशा एक ही ड्रेस ब्लैक कोर्ट और व्हाइट शर्ट में ही रहते है, क्या अपने कभी सोचा इसके पीछे क्या वजह होगी, आपको बता दें कि ये कोई फैशन नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी वजह है।
Lawyers dress code: बहुत ही दिलच्सप कहानी है वकीलों की ड्रेस को लेकर।
आपको बता दें कि वकालत की शुरुआत वर्ष 1327 में एडवर्ड तृतीय ने की थी और उस समय ड्रेस कोड के आधार पर न्यायाधीशों की वेशभूषा तैयार की गई थी। उस समय में जज अपने सर पर एक बालों वाला विग पहनते थे। वकालत के शुरुआती समय में वकीलों को चार भागों में विभाजित किया गया था जो कि इस प्रकार थे- स्टूडेंट (छात्र), प्लीडर (वकील), बेंचर और बैरिस्टर। ये सभी जज का स्वागत करते थे। उस समय अदालत में सुनहरे लाल कपड़े और भूरे रंग से तैयार गाउन पहना जाता था।
इसके बाद वर्ष 1694 में ब्रिटेन की महारानी क्वीन मैरी की चेचक से मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके पति राजा विलियम्स ने सभी न्यायधीशों और वकीलों को सार्वजनिक रुप से शोक मनाने के लिए काले गाउन पहनकर इकट्ठा होने का आदेश दिया। इस आदेश को कभी भी रद्द नहीं किया गया, जिसके बाद से आज तक यह प्रथा चली आ रही है कि वकील काला गाउन पहनते हैं।
और जबसे लेकर अब काला कोर्ट व्हाइट शर्ट वकीलों की पहचान हो गई है, इसके साथ ही भारतीय अधिनियम 1961 एडवोकेट एक्ट के तहत अदालतों में सफेद बैंड टाई के साथ काला कोट पहन कर आना अनिवार्य कर दिया गया था। ऐसा माना जाता है कि यह काला कोट और सफेद शर्ट वकीलों में अनुशासन लाता है और उनमें न्याय के प्रति विश्वास जगाता है।