विश्वास कहे या अन्धविश्वास ! लेकिन अभी भी कुछ जगह ऐसी है जहा पर अन्धविश्वास या अंधश्रद्धा को बढ़ावा दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के एक गांव में ऐसा कुछ देखने को मिला। जिसे देखकर आपको भी आश्चर्य होगा।
कानपूर के बलरामपुर गांव में जन्मी एक नवजात बच्ची की मौत के बाद लोगों ने उसे मां काली का रूप दे दिया। इस बच्ची की गर्दन से ऊपर का हिस्सा काला और नीचे का हिस्सा साफ था। अब उसके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं और पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं।
गांव के एक रहवासी छोटेलाल की बेटी कृष्णा ने इस बच्ची को जन्म दिया। दरअसल इस गांव की मान्यता है की लड़की अपना पहला बच्चा मायके में ही जन्म देती है। इस लड़की का पूरा स्वरुप माँ काली जैसा माना जा रहा है। बच्ची का चेहरा काला और गर्दन के नीचे का हिस्सा साफ था। बच्ची की आंखें बड़ी-बड़ी थीं। इसके अलावा नाक और मुंह का आकार भी सामान्य से बड़ा था। उसकी जीभ भी बाहर निकली हुई थी।
इस बच्ची ने जन्म के आधे घंटे बाद दम तोड़ दिया। जब गांव के लोगो को बच्ची के बारे में पता चला तो उन्होंने उसे काली रूप बताते हुए दफ़नाने से पहले पूजन – अर्चन की बात की। इसके बाद बच्ची को देखने और दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे। रातभर लोगों ने भजन-कीर्तन किया, जो अब तक जारी है।
यह बात देखते ही देखते मां काली के रूप में बच्ची के जन्म लेने की बात पूरे गांव में फैल गई। की अनंधविश्वास के चलते जिसकी जेब में जो था, लोगों ने निकाल कर चढ़ा दिया। लाल चुनरी में लिपटे मृत नवजात पर अभी तक करीब 10 हजार रुपए का चढ़ावा चढ़ाया जा चुका है।
इस गांव में एक अजीब प्रथा है इस गांव में रिवाज है कि लड़की का पहला बच्चा उसके मायके में होता है। इसीलिए वह दो महीने पहले ही मायके आ गई थी। ऐसे में उसके ससुरालवाले कह रहे हैं कि बच्ची को वह अपने गांव ले जाकर दफन करेंगे। वहीं, मायके पक्ष के लोग नवजात को नहीं ले जाने दे रहे है। इस वजह से अभी तक बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है।