पोस्टमार्टम का नाम सुनते ही हमारे मन में डर लगने लगता है। लेकिन सोचिये जो इसे करते है उनके ऊपर क्या बितती होगी। हम आपको पोस्टमार्टम करने वाले कर्मचारी के अनुभव को बताने जा रहे है। Alexandria Bowser, जिन्होंने अपना एक्सपीरियंस पोस्टमार्टम के ऊपर शेयर किया और पोस्टमार्टम रूम के अंदर की बातो को बताया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट कैसे तैयार होती?
आम तौर पर एनाटोमिकल पैथोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट द्वारा पोस्टमार्टम किया जाता है। इसमें पता लगाया जाता है कि मौत की असल वजह क्या है, मरने के पीछे इसकी क्या वजह रही है। इस दौरान शरीर की चोटों के निशान भी रिपोर्ट में दिए जाते है।
पोस्टमार्टम के बाद?
पैथोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट अलेक्जेंड्रिया ने बताया की पोस्टमार्टम करने के बाद और रिपोर्ट तैयार करने के बाद सभी अंगों को वापस बॉडी में रख दिया जाता है। इसे रखने के लिए लिनन का उपयोग किए जाता है। और बॉडी को फ्रिज में रखा जाता है। यह पूरी प्रक्रिया को करने में लगभग एक घंटे का समय लगता है।
आसान नहीं है ये जॉब
अलेक्जेंड्रिया बताती हैं, की यह काम जितना सरल लगता है, उतना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है। कई बार बॉडी क्षत विक्षत होती है, ऐसे में पोस्टमार्टम करना बेहद चैलेंजिग रहता है। जिसे देखकर डर भी लगने लगता है। उन्होंने कहा कि भावनात्मक तौर पर सुसाइड के मामलों में पोस्टमार्टम बेहद तकलीफदेह रहता है।
रसोई के सामान का पोस्टमार्टम में उपयोग किया जाता है।
अलेक्जेंड्रिया ने खुलासा किया कि पोस्टमार्टम के लिए स्पंज, चाकू, कैंची के साथ-साथ कई बार करछुल का भी उपयोग करते हैं, जो हमारे किचन में भी उपलब्ध रहते है। हालांकि, Specialist Equipment जैसे कि रिब शीयर, ऑसिलेटिंग आरी और टांके लगाने वाली सुई और धागे का उपयोग अहम होता है। इसके लिए हर बार नए सामान का उपयोग नहीं किया जाता है।
पोस्टमार्ट करने वालों के लिए समय की सीमा नहीं होती है।
अलेक्जेंड्रिया कहती हैं इस काम में आप घड़ी नहीं देख सकते, आपको कभी भी हॉस्पिटल से कॉल आ जाता है और आपको जाना पड़ता है। एक दिन में छह-छह पोस्टमार्टम करने पड़ते हैं, साथ ही बड़ी कागजी कार्रवाई और सफाई भी करनी पड़ती है। यह जॉब मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत रहने वाले ही कर सकते है।