वर्जिनिटी को लेकर समाज में आज कई तरह की भ्रांतिया होती है। जिसके कारण कई बार लड़कियों को शर्मिंदा भी होना पड़ता है। लेकिन आज कई देश में लड़किया उसे वापस पाने के लिए कई तरह के प्रयाश भी करती है। वर्जिनिटी को लेकर उसका टेस्ट और रिपेयर कराने का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। इस बारे में हम आपको आज की एक रिपोर्ट बताने जा रहे है।
ब्रिटेन के डॉक्टर्स द्वारा बताया गया की जब तक ‘वर्जिनिटी रिपेयर’ के नाम पर फर्जी ऑपरेशन बंद नहीं होंगे तब तक वर्जिनिटी टेस्ट पर कानून बनाने का कोई फायदा नहीं है। आपको बता दे की वर्जिनिटी को दोबारा वापस प्राप्त करने के लिए कई जगह ऑपरेशन किया जाता है। जिसे कई लड़किया मजबूरन करवाती भी है।
रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टीट्रीशियन्स एंड गाइनोकोलोजिस्ट ने इस बारे में सरकार को चेतावनी देते इसे सख्ती से रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया की पिछले महीने सांसदों की कमेटी ने एक प्रस्ताव पेश किया था जिसमें कुछ निजी क्लीनिकों द्वारा किए जा रहे वर्जिनिटी टेस्ट को अपराध की श्रेणी मे लाया जाय और इसके लिए एक नियम भी बनाया जाना चाइये।
डॉक्टर्स का कहना है कि एक तरफ तो सरकार वर्जिनिटी टेस्ट पर कानून बनाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ ‘वर्जिनिटी रिस्टोर’ कराने की प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं है। इस ऑपरेशन में सर्जरी में वजाइना की स्किन की एक लेयर ठीक की जाती है, जिससे हाइमन टूटी हुई नहीं लगती है। इस सर्जरी को हाइमनोप्ला रिपेयर कहा जाता है।
अधिकतर महिलाये UK में लड़कियों और महिलाओं को पूरी तरह से वर्जिन दिखाने के लिए उनके माता-पिता या फिर रिश्तेदार हाइमनोप्लास्टी कराते हैं। 2020 में संडे टाइम्स.ने जांच-पड़ताल के बाद ऐसे 22 प्राइवेट क्लीनिकों का खुलासा किया था जो इस तरह के कार्यो को कर रहे थे। इसके लिए मोटी फीस भी ली जाती है।
RCOG के अध्यक्ष डॉ एडवर्ड मॉरिस ने बताया की UK में दोनों प्रक्रियाओं पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। हाइमेनोप्लास्टी और वर्जिनिटी टेस्टिंग दोनों हानिकारक प्रथाएं हैं जो सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मूल्यों को खराब करने का काम करती हैं। यह महिलाओं के पूर्व यौन संबंधों की गलत जानकारी भी देता है।