अक्सर हम लोगों को सड़क पर भीख मांगते हुए देखते हैं। और कभी – कभी मन में सोचने में भी आता है, कि इनकी क्या परेशानी होगी जिससे इन्हे भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ता हैं। भिखारियों के लिए अपनी रोज का गुजर बसर और अपने परिवार के पेट भरने के लिए कितनी परेशानी उठाना पड़ती है।
ऐसे ही आज हम एक भिखारी की जिंदगी से जुड़ी कहानी बताने जा रहा है। जो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने अपनी पत्नी की परेशानी को देख दिल छू देने वाला काम किया।
देखी नही गई पत्नी की परेशानी
दरसल यह कहानी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के एक भिखारी की कहानी है। छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा रहने वाले संतोष कुमार साहू उनकी पत्नी मुन्नी साहू भीख मांगकर अपने परिवार का गुजारा करते थे। संतोष पैरों से दिव्यांग थे। वह ट्राईसाइकल से घूमकर भीख मांगते थे। संतोष की पत्नी मुन्नी बाई संतोष के काम में उनकी मदद करती थी दोनों ही रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मंदिर, मस्जिद जाकर भीख मांगते थे और रोजाना करीब 300 से 400 रुपए कमा लेते थे।
संतोष से अपनी पत्नी की परेशानी नहीं देखी गई
संतोष कुमार ने बताया कि वह दोनों ट्राईसाइकल से भीख मांगा करते हैं संतोष के दिव्यांग की वजह से ट्राईसाइकिल पर बैठता था। और उसकी पत्नी मुन्नी उस साईकिल को धक्का लगाती थी। दोनों इसी तरह भीख मांगते हैं, कई बार सड़कों की खराब होने की वजह से उसकी पत्नी को साइकिल को धक्का लगाने में काफी कठिनाई उठानी पड़ती थी। जिससे वह काफी थक जाती थी और कभी-कभी तो बीमार भी हो जाती थी।
90 हजार देकर भिखारी ने खरीदी मोपेड
संतोष से अपनी पत्नी की परेशानी देखी नहीं गई और उसने अपनी पाई – पाई इकट्ठा कर पत्नी के लिए 90 हजार की कैश मोपेड खरीदी। संतोष ने बताया कि उनकी पत्नी ने ही उन्हें गाड़ी खरीदने की सलाह दी थी।उसके के बाद ही संतोष ने गाड़ी खरीदने के बारे में सोचा। तभी से उसने जोड़ना शुरू कर दिया था।
संतोष ने 4 साल में भीख मांग मांग कर जो जमा पूंजी इखट्टा कि थी, उससे अपनी पत्नी के लिए गाड़ी खरीदी और पत्नी की परेशानी को दूर किया। दोनों की प्रेम कहानी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही। दोनों के प्यार की चर्चा पूरे जिले (छिंदवाड़ा)में हो रही है, अब दोनों मोपेड से ही भीख मांगने जाया करते हे!