मेरी सच्ची कहानी : मेरे पति ने जब मुझे अपनी बेटी के टीचर के साथ पकड़ लिया

Story in hindi

एक एप की रिपोर्ट के अनुसार 53 फीसदी भारतीय महिलाओं ने माना है कि वह अपने पति के अलावा भी किसी अन्य पुरुष के साथ इंटिमेट रिलेशनशिप में हैं इसके विपरीत दूसरी महिलाओं से संबंध रखने वाले पुरषो की संख्या 43 फीसदी थी। एक महिला का कहना है की मेरे पति शुरू से ही एक घमंडी और असभ्य इंसान रहे है पर फिर भी मैने अपनी बेटी और परिवार वालो की वजह से इन्हे कभी नहीं छोड़ा।

हम दोनों को शादी के लिए मजबूर किया गया था क्योकि हम दोनों के पति के बीच व्यापारिक समझौता हुआ था जिस वजह से रिश्ता उनके साथ तय हुआ। मेरे परिवार में शादियों का ऐसा ही पैटर्न चल रहा है जिससे मुझे अब सबसे ज्यादा नफरत है और मुझे कभी ऐसे व्यक्ति के साथ रहने का मौका नहीं मिला जिससे में प्यार कर सकू।

मैंने चाय पर आमंत्रित किया था

उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया की वह मुझसे प्यार क्यों नहीं करते, उसने कहा मेरी बेटी का गणित का टीचर बड़ा प्यारा लड़का था और मैने अक्सर उसे मुझसे नजरे मिलाते हुए देखा था। एक दिन की बात है जब मेरी बेटी अपनी नानी की देखभाल कर रही थी तब मैने उसे अपने साथ एक कप चाय पिने के लिए आमंत्रित किया।

जब रसोइया अंदर से चाय लेकर आया तब में लगातार उससे अपनी बेटी की पढाई के बारे में बात कर रही थी। वह काफी आकर्षक और मजाकिया था जिसकी वजह से मेरा आकर्षण उसकी तरफ बढ़ गया। इस घटना के बाद मुझे समझ आया कि मेरे साथ की महिलाओं के लिए शादी के बाद अफेयर रखना कोई बड़ी बात नहीं थी क्योंकि हमारे पुरुष अपने काम में कुछ ज्यादा ही बिजी रहते हैं।

अफेयर का मुझे कोई पछतावा नहीं

इस तरह मेरा उसके साथ अफेयर शुरू हुआ और अपनी बेटी के टीचर के साथ एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर रखने पर मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योकि मुझे एक ऐसे व्यक्ति से प्यार और अटेंशन मिल रहा था जो जानता था कि एक महिला को खुश कैसे रखा जाता है। वह न देखने में काफी सेक्सी था बल्कि उसने मुझे शारीरिक संबंध बनाते हुए कामुक या अच्छा भी महसूस कराया।

जैसा कि हर सामान्य अफेयर की कहानी में होता है, एक दिन मेरे पति ने मुझे पकड़ लिया। ऐसा तब हुआ जब मैं और मेरा प्रेमी एक-दूसरे को अपनी कल्पनाओं से भरी कुछ सेक्सुअल तस्वीरें भेज रहे थे। इस दौरान मैंने अपने पति और बेटी की घर वापिस आते हुए की आवाज सुनी। में उनका अभिवादन करने के लिए अपना फ़ोन बिस्तर पर रखकर निचे चल गयी।

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