आज हम आपको बताने जा रहे है की कैंसर के बाद से’क्स लाइफ बड़ी ही भयावह हो जाती है, यह आज एक मैनचेस्टर में रहने वाली महिला की कहानी को सुन कर आप अंदाजा लगा सकते है। इस महिला का नाम केट विल्डे है और इसको एक प्रकार का ब्लड कैंसर था जिसे मेडिकल भाषा में एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया कहा जाता है।
आपको बता दे की केट की से’क्स लाइफ पहले बहुत अच्छी थी पर जब कीमोथेरेपी के दौरान उन्हें डॉक्टर्स ने बताया की उनके लिए अब से’क्स घातक हो सकता है। उन्हें अपनी इस बीमारी के बारे में तब पता चला जब वह मात्र 19 साल की थी, शुरुवात में उन्हें अपनी से’क्स लाइफ की कोई चिंता नहीं थी पर जब इलाज के बाद उन्होंने शारी’रिक संबंध बनाना चाहा तो उन्हें दर्द बेचैनी और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था की अब इस स्थिति से निकलने में उनकी मदद कौन करेगा। इलाज की वजह से इनके प्लेटलेट्स भी कम हो गयी थी। प्लेटलेट्स कम होना यानि शरीर पर एक छोटा सा कट या त्वचा के फटने पर भी खून तेजी से बहने लगता है और ऐसा अक्सर से’क्स के दौरान भी हो जाता है।
इस बीमारी के इलाज के समय इन्हे काफी गंभीर साइड इफक्ट्स का भी सामना करना पड़ा। उनके बाल झड़ने लगे, हड्डियों में दर्द और वजन में उतार चढ़ाव रहने लगा। केट ने कहा की कीमोथरेपी के दौरान से’क्स में उनकी दिलचस्पी खत्म सी हो गयी थी पर बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद कुछ फीलिंग्स अचानक लौटने लगी और वह फिर से अपनी से’क्स लाइफ शुरू करना चाहती थी।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वेजाइनल एट्रॉफी मीनोपॉज के संभावित लक्षणों में से एक है जिसमें वेजाइना ड्राय और कमजोर पड़ जाती है, इससे से’क्सुअल एक्टिविटी काफी मुश्किल हो जाती है। हालांकि, इस बारे में केट को किसी ने नहीं बताया था। केट ने कहा की फिर उसने किसी को डेट करने के बारे में सोचना शुरू कर दिया पर बुरे अनुभव के कारण में अपना आत्मविश्वास खो चुकी थी।