हर पिता को अपनी औलाद से बहुत लगाव और प्यार देखने को मिलता है पश्चिमी सिंहभूमी के मेरेलगाडा गांव के रहने वाले एक पिता की हैवानियत का यह मामला सामने आया। उस मासूम बच्ची का बस इतना सा कुसूर था कि उसने इस निर्दयी दुनिया मे जन्म लिया। हर बेटी जहा अपने पिता की ऊँगली पकड़कर चलने का सपना देखती है अपने पिता के कंधे पर बैठकर घूमना चाहती है वही यह पिता अपनी 28 दिन की बेटी को बेच देता है। सिर्फ इसलिए की उसे शराब पीने के लिए पैसे चाहिये थे।
मेरेलगाडा गांव के रहने वाले बुधवराम चतोम्बा पेशे से एक ड्राइवर है चार दिन पहले उन्होंने अपनी नवजात बेटी को 30 हजार रुपये में बेच दिया। इससे पहले उनकी पत्नी उन्वासी चतोम्बा कुछ समझ पाती उनकी बेटी को बेच दिया गया। कुछ दिनो पहले बालजामदा के एक परिवार से 1 पुरूष और 3 महिलाएं इनके घर आये थे जिन्हें उनकी बेटी को देकर बुधवराम ने अपनी पत्नी को कहा कि हमारी पहले से इतनी ही औलाद है हम इसको नहीं पाल सकते ऐसा कहकर बेटी को इन लोगों को दे दिया।
बुधवराम की दो पत्नी और नौ बच्चे पहले से ही है उनकी पहली पत्नी जानकी चतोम्बा से 6 बेटियां और दूसरी पत्नी उन्वासी चतोम्बा से 3 बेटियां ओर 1 बेटा हैं। इसमें से एक मासूम को बेच दिया गया। दूसरी पत्नी उन्वासी से पूछताछ पर पता चला कि उसका पति पैसा दोस्तों को हाडिया पिलाने मे खर्च करता हैं। घर खर्च के लिए पैसे भी नहीं देता। इन सब मामलो की जानकारी मिलने पर बालजोड़ी के मानकी सुरेन्द्र चतोम्बा और मुखिया जयराम बारजे जब बुधवराम के घर पहुंचे वह अपने घर से फरार हो चुका था।
पुरे मामले की जानकारी मिलने पर मानकी और मुखिया का कहना था कि बेटी खरीदने वाला और बेचने वाला दोनों दोषी है दोनों को सजा मिलनी चाहिए क्योंकि ऐसे बेटी को बेचना गैर कानूनी कपराध है ओर अगर किसको बेटी को गोद लेना है तो उसे पूरे कानूनी तरीक़े से गोद लेना चाहिए।