क्या आपने कभी सोचा की प्राचीन काल में टॉयलेट हुआ करते थे या नही, क्या राजा महाराजा भी बाहर खुले में शोच करते थे? तो अप बिलकुल गलत सोच रहे है…कई जगहों पर खुदाइयों में मिले प्राचीन महलो के अवशेषों में कुछ ऐसे शौचालय मिले है जो बिलकुल आज की शौचालयों की तरह दीखते है| इसमें कुछ टॉयलेट्स इंडियन तो कुछ वेस्टर्न, फ्लश और नॉन फ्लश वाले टॉयलेट्स भी देखे गए है|
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आज भी आप प्राचीन महलो में जाकर इन शौचालयों को देख सकते है की यह किस तरह के हुआ करते थे| निचे दिए गए चित्र में जो शौचालय दिख रहे है वे मुग़ल काल के समय के है, आप देख सकते है यह बिलकुल सुवुधाजनक हुआ करते थे| इनका इस्तेमाल केवल शाही परिवार किया करते थे| राजा के सिंहासन के जैसा दिखने वाला यह शौचालय पूर्व सिन्धु घटी सभ्यता में हजारो साल पहले हुआ करता था| आज भी आप राजस्थान स्तिथ कई किलो में जाकर देख सकते है आपको वह पर बड़े-बड़े शौचालय देखने को मिल जाते है|
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कई प्राचीन शौचालय को देख कर ऐसा प्रतीत होता है की वह पर बहुत सारे लोग एक साथ शौच करते हो, वे दिखने में ऐसा है जैसे की आज के सार्वजनिक शौचालय| 5000 साल पुराने शौचालय देख कर आप सोच सकते है की पुराने समय में भी शौच की सुविधा को महत्व दिया जाता था|
इन शौचालय को साफ करने के 2 तरीके हुआ करते थे, मल को नाली के रस्ते किसी दूर गड्ढे में पहुचाया जाता या फिर किसी सेवादार से निकलवा का फिकवा दिया जाता था|