हम आज आपको बताने जा रहे है की हाल ही में विशेषज्ञों ने इस बात का खुलासा किया है वाशिंग मशीन में कपडे धोने से हमारे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही विशेषज्ञों का यह सुझाव है की हमे वाशिंग मशीन के उपयोग में अब कटौती करनी होगी। उनका मानना है की इससे न सिर्फ हमारे स्वास्थ में फर्क पड़ेगा बल्कि बिजली और पानी की भी बचत होगी।
ब्रा रोज धोने की जरुरत नहीं
यहाँ तक की विशषज्ञों का मानना है की अगर धरती को बचाना है तो जीन्स को एक महीने में एक बार और ब्रा को एक हफ्ते में एक बार धोना चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार पता चला है की लोगो के पास वाशिंग मशीन होने से वह लघभग रोज उसमे कपड़े धोते है जिससे हमारे पर्यावरण पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। जिसके लिए लोगो को यह सलाह दी गयी है की अपने कपड़े कैसे और कितने दिन में धोये।
जीन्स महीने में एक बार धोये
विशेषज्ञों के अनुसार जींस को एक महीने में एक बार, जंपर्स को 15 दिन में एक बार और पजामा को हफ्ते में सिर्फ एक बार धोना चाहिए। साथ ही एक रिपोर्ट्स के मुताबिक अंडरवियर और जिम के कपड़ो जैसे रोजाना गंदे होने वाले कपड़ो को रोज हर बार पहनने के बाद धोना चाहिए। साथ ही अंडरवियर को हाथ से धोये तो ज्यादा अच्छा होगा।
वही टॉप और टीशर्ट जैसे कपड़ो को आराम से पांच बार पहना जा सकता है। उसके बाद आप उसे धो सकते है, अगर आप इस तरिके से अपने कपड़ो को धोयेंगे तो इससे आपका टाइम और पैसा दोनों की बचत होगी। महिलाओं को बता दे की ब्रा को रोज धोने की जरूरत नहीं आप इसे हफ्ते में एक बार भी धो सकते है और कोशिश करे की ज्यादा से ज्यादा हाथ से कपड़े धोये।