आखिर किस वजह से एक बेटी ने कराया अपने ही पिता को स्तनपान?

rochak jaankari

कभी कभी कुछ पेंटिंग्स ऐसी होती है जो बड़ी ही हैरानी वाली होती है। आज हम आपको एक ऐसी ही पेंटिंग के बारे में बताने जा रहे है। यह पेंटिंग जिसने पूरे यूरोप में ईश्वरी सत्ता, पवित्रता, मानव मूल्यों और प्यार के बीच बहस छेड़ दी थी। आपको बता दे की यह पेंटिंग यूरोप के प्रसिद्ध कलाकार बारतोलोमिओ एस्तेबन मुरिलो ने बनाया था और यह उनकी सबसे चर्चित पेंटिंग थी।

आप भी देख सकते है इस पैन्टिन्ग में एक बुजुर्ग व्यक्ति को एक स्त्री स्त-नपान करती हुई दिखाई गयी है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसके पीछे की छिपी कहानी के बारे में बताने जा रहे है। इस कहानी को जानने के बाद शायद आपका विचार भी इस पेंटिंग के लिए बदल जायेगा।

daughter breast feeding father

दरअसल एक बूढ़े आदमी को ताउम्र जेल में भूखे रहने की सजा सुनाई गयी, इस बूढ़े आदमी की एक बेटी थी जिसने अपने पिता की इस सजा के बाद शासक से ये मंजूर करवाया की वह उनसे रोज मिलेगी। जिसके बाद जेल में मुलाकात के समय उस लड़की की रोज तलाशी ली जाती थी ताकि वह अपने पिता को कोई खाने पिने की चीज न दे सके।

रोज भूखे रहने की वजह से बूढ़े इंसान की हालत खराब होने लगी। पिता की यह हालत बेटी से देखी नहीं गयी, वह अपने पिता की करीब आती मौत से परेशान रहने लगी। पर एक दिन उस बेटी ने ऐसी हरकत कर दी जिससे दो अलग-अलग विचारधाराओं के लोगों के लिए पाप और पुण्य का मामला बन गया।

beti ne pita ko pilaya dudh

प्रतिबंध होने के कारण बेटी कुछ ले जा नहीं सकती थी जिस वजह से वह मजबूर होकर अपने पिता को स्तनपान करवाने लगी। जिससे उसके पिता की हालत सुधरने लगी, पर एक दिन उसे दो पहरेदारो ने पकड़ लिया और शासक के सामने पेश कर दिया। समाज में इस घटना से खलबली मच गयी।

beti ne pita ko pilaya dudh

इस खबर से दो तरह के गुट होगये। एक गुट इसे निंदनीय मानकर पवित्र रिश्ते के हनन के साथ निंदनीय अपराध मान रहा था, तो दूसरा गुट इसे पिता के प्रति प्यार और स्नेह की महान भावना की मिसाल बता रहा था, फिर इस मामले ने बड़ा ही तूल पकड़ा और आख़िरकार बेटी की जित हुई दोनों बाप बेटी को रिहाह कर दिया गया।

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