आज हम बिसलेरी को सभी लोग जानते है और इसका उपयोग भी करते है। लेकिन इस पानी की बोतल के पीछे की सफलता को शायद ही लोग जानते है। आज इसकी अनेक कंपनिया कॉपी करती है, लेकिन बिसलेरी का मुकाबला आज भी कोई नही कर पाया है।
आज वाटर बॉटल इंडस्ट्री में 60% की हिस्सेदारी रखने वाला ये पानी ब्रांड आज देश भर में लोकप्रिय है। लेकिन आपको बता दे की इसे बनाने वाली कम्पनी इसके पहले एक दवा कंपनी थी।
बिसलेरी मुंबई के ठाणे से शुरू हुआ वाटर प्लांट भले ही देसी हो, लेकिन बिसलेरी नाम और कंपनी पूरी तरह विदेशी थी। यह उस समय मलेरिया की दवा बेचती थी। इसके संस्थापक इटैलियन बिज़नेसमैन है, जिनका नाम था Felice Bisleri. Felice Bisleri के एक फैमिली डॉक्टर हुआ करते थे जिनका नाम था डॉक्टर रोजिज। रोजिज म्रत्यु 1921 में हुई थी।
रोजिज़ ने दिया बिज़नेसमैन को पानी बेचने का Idea
रोजिज ने अपने मित्र बिसलेरी कंपनी के लीगल एडवाइज़र को एक आइडिया दिया जिससे उनकी ज़िंदगी बदल गई। उस समय भारत अभी अभी आज़ाद हुआ था और देश में नए किस्म के व्यापार की डिमांड बढ़ रही थी। उन्होंने यहा पानी का बिजनेस करने की सोची।
ठाणे में लगा पहला वॉटर प्लांट
उन्होंने 1965 में इसका प्लांट लगाया। शुरुआत में इसके फेसले को लोगों ने पागल तक घोषित कर दिया। आम लोगों के नजरिए से देखा जाए तो उन दिनों भारत जैसे देश में पानी बेचने का आइडिया किसी पागलपन से कम नहीं था। लेकिन धीरे – धीरे यह लोगो की पसंद बनता गया।
प्लांट की शुरुआत के 4 साल बाद यानी 1969 में बिसलेरी को रमेश चौहान पार्ले ने 4 लाख रुपये में ख़रीद लिया। उसके बाद देश भर में अपने 5 स्टोर के साथ बिसलेरी पार्ले की हो गई। ये 1970 का दशक था जब रमेश चौहान ने बिसलेरी सील्ड वाटर के दो ब्रांड नए ब्रांड बबली और स्टिल के साथ बिसलेरी सोडा को मार्केट में उतारा। 2019 में भारत में बिसलेरी की मार्केट वैल्यू 24 बिलियन डॉलर थी, और कहा जा रहा की आने वाले दो वर्षो में मार्केट वैल्यू 60 बिलियन डॉलर होगी।